रोज देखती हूं
एक निरक्षर हाथों का जोडा
दिल्ली की हर रेड लाइट पर
बेच रहा होता है
साक्षरता का पहला ‘अक्षर’
इस जोडे को शायद
जमा घटा का ज्ञान नहीं
किंतु एक रुपय की कीमत
भली भांती ज्ञात है
मैला सिर, मैले लत्ते,
और मैली आंखों में चमकता वो शुद्ध मन...
मुझे रोज याद दिलाता है
कि
वह मेरे साक्षर हाथों का श्रष्टा है...
इसलिए ही कहती हूं
जब कभी
अपनी साक्षरता का पर गुरुर हो,
दौड कर उस रेड लाइट पर जाएं
और देखें
आपके हाथों को साक्षर बनाने वाले
वो नन्हें हाथों का जोडा
आज भी उसी चौराहे पर
10 रुपय के जोडे के हिसाब से
पैंसिलें बेच रहा है
वही पैंसिल
जिसे पकड
आपने पहला अक्षर लिखा था...
अनिता शर्मा
रास्ते कहीं खत्म नहीं होते, हम एक बार अपनी मंजिल को छू लें,लेकिन ये भी सच है कि एक रास्ता पार होते ही दूसरी राह बाहें फैलाए हमारा स्वागत करने को तैयार होती है। बस देर इस बात की है कि हम जो मंजिल पा चुके है उसका मोह त्याग कर नए रास्ते को अपना लें...
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16 टिप्पणियां:
bhn vshishtta ji nirkshr ji jode ko aap dekhti hen hari srkaaron ne unhen saakshr krne ke naam pr arbon rupye kaa ghotaala kr rkhaa he . aapne choraahe or red laait kaa achcha jivnt chitrn kiyaa he bdhayi ho. akhtar khan akela kota rajsthan
सुन्दर कविता है जी
बहुत संवेदनशील रचना ...
मर्मस्पर्शी रचना.
सच कहा .सुंदर अभिव्यक्ति.
Very touching....and an eye opener.
बहुत संवेदनशील रचना ... काश गरूर की जगह उस निरक्षर को साक्षर बनाने की प्रक्रिया शुरू हो तो कितना अच्छा हो ....
सुन्दर कविता।
vashistha ji
aapne bhaoot sachhi hakiquat bayan ki hai.......
upendra ( www.srijanshikhar.blogspot.com )
रास्ते खत्म नहीं होते...
blog ka chitra bahoot hi jiwant chitra. bahoo achchha laga.
http://charchamanch.blogspot.com/2010/09/270.html
yahan bhi apni post dekhen ..
सुंदर अभिव्यक्ति, संवेदनशील रचना!
कविता सुन्दर है । इसमे विचार बहुत तीव्रता के साथ उभर कर आ रहा है लेकिन कविता मे लय नही बन पा रही है । इसे सस्वर पाठ करे और कुछ शब्दो को इधर उधर करे । शिल्प ठीक हो जायेगा तो बेहतर लगेगी ।
लम्बे अंतराल के बाद आपके ब्लॉग पर आना हुआ - मार्मिक रचना के लिए बधाई
आपकी ये रचना बहुत अच्छी और प्रभावी लगी
वर्तनी त्रुटियां अखरती हैं.. कृपया दुबारा देख लिया करें.. गरीब एक रुपये होने की कीमत आंक रहा है और अमीर एक रुपये कम होने की कीमत चुका रहा है..
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