तुम्हारी माने तो,
अब हमें जुदा होना होगा,
एक दूजे को हमेशा के लिए,
खोना होगा,
पर सुनो,
कभी गलती से तुम्हें,
अगर मैं स्मरण हो आउं,
तो अपनी आंखे बंद करना,
और हल्के से मुस्करा देना,
उन पलों के लिए,
जो स्नेहपूर्ण थे,
और बाद में मेरे दर्द का आधार बनें,
उन्हें याद करना तब,
जब तुम कभी बहुत दुखी हो,
या,
खुद को अकेला पाओ,
मेरे जख्मों के लिए यह काफी होगा,
तुम्हारा साथ न मिला तो क्या,
जब तुम याद करोगे,
तो मैं हमेशा महक उठूंगी,
मेरी यादों में तुम न हो तो भी,
मैं खुश हो लुंगी
यह सोच कर ही सही,
की
"पता नहीं क्यों आज मन बहुत खुश है"
रास्ते कहीं खत्म नहीं होते, हम एक बार अपनी मंजिल को छू लें,लेकिन ये भी सच है कि एक रास्ता पार होते ही दूसरी राह बाहें फैलाए हमारा स्वागत करने को तैयार होती है। बस देर इस बात की है कि हम जो मंजिल पा चुके है उसका मोह त्याग कर नए रास्ते को अपना लें...
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7 टिप्पणियां:
touched my heart
दिल की आरजू भी बड़ी अजीब होती हैं ......हमेशा कुछ ऐसा चाहती हैं जिसमे हमेशा चाहते रहने की फरमाइश हो ...
आपने दिल से लिखा और हमारे दिल में उतर गया
मन के भावों का सुन्दर बहाव दिखा आपकी इस कविता में ..आप हमेशा खुश रहे ..
अच्छी लगी ये ख्यालो की रवानगी
ये मुकदर का दोष है या सितारों की खता है
आप साथ नहीं हमारे, क्या ये खुदा की रजा है
दिल में आप धड़कन की तरह रहते हैं
फिर कैसे कह दें कि आप हमसे जुदा हैं
बहुत खूब, दिल की बातों को सहजता से कहना कोई आपसे सीखे
बहुत बढिया भाव ... सुंदर रचना।
ह्म्म्म्म्म्म्म कुछ कुलबुलाने लगा है मेरे भीतर....खैर इस उम्दा भाव के लिए आपको बधाई....!!
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